बलिया: हज़रत ख्वाजा सूफी मोहम्मद फसाहत हसन शाह र.अ.के चादर शरीफ का शहर में ज़ियारत,सूफियों ने इंसानियत और मोहब्बत का पैगाम दिया



बलिया: खानकाह मोहम्मदी निधरिया की जानिब से दादा मियां हज़रत ख्वाजा सूफी मोहम्मद फसाहत हसन शाह र.अ.के 24वें उर्से पाक की तैयारियों के तहत चादर शरीफ को बड़े अदब और अकीदत के साथ शहर में ज़ियारत कराया गया। यह उर्स 29 से 31 दिसंबर जिला रामपुर भसुरीशरीफ मे आयोजित किया जाएगा। चादर शरीफ का यह जुलूस खानकाह के पीरो मुर्शिद, हज़रत ख्वाजा सूफी मोहम्मद अली शाह की सरपरस्ती में निकाला गया,चादर शरीफ का यह जुलूस खानकाह मोहम्मदी निधरिया से शुरू होकर उमरगंज, बहेरी, बिशुनीपुर बस स्टैंड और गरवार रोड तक पहुंचा। इस पवित्र यात्रा का उद्देश्य सूफीवाद के पैगाम को फैलाना था, जिसमें भाईचारे, मोहब्बत और इंसानियत को बढ़ावा देने की बात कही गई।इस मौके पर सूफी हजरात ने कहा, "सूफीवाद का असल मकसद हर दिल में मोहब्बत और हर इंसान को बराबरी का हक देना है।सूफी डॉ. आफ़ताब ने कहा इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है, और इसका आधार सिर्फ मोहब्बत होनी चाहिए तो दूसरी तरफ सूफ़ी एजाज़ ने कहा, "सूफी संतों का पैगाम सदियों से अमन, मोहब्बत और भाईचारे का रहा है,आज हम उसी रौशनी को फैला रहे हैं ताकि समाज में नफरत और दूरी की दीवारें गिराई जा सकें।इस दौरान अकीदतमंदों ने दुआएं मांगी और दादा मियां के बताए रास्ते पर चलने का इरादा किया। उन्होंने कहा कि सूफीवाद का पैगाम समाज को मोहब्बत, अमन और एकता के धागे में पिरोने का काम करता है।यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि समाज में इंसानियत और मोहब्बत का पैगाम फैलाने की मिसाल बना। सूफियों का यह पैगाम आने वाली पीढ़ियों को भी अमन और भाईचारे की राह दिखाने के लिए प्रेरित करेगा।चादर शरीफ के जुलूस में बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल हुए। इस मौके पर डॉ. सूफी आफतम, सूफी एजाज़, सूफी सरवर, सूफी सलीम, सूफी नूर, कादिर, मंजूर, सब्बीर, सोएब, फिरदौश और कैफ जैसे प्रमुख शख्सियतों ने हिस्सा लिया। हर मजहब और तबके के लोग इस आयोजन में शरीक होकर सूफीवाद के उसूलों को अपनाने का संकल्प लेते नजर आए।

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